Training Policy


नीति परिप्रेक्ष्य

प्रस्तावना

केन्द्रीय विद्यालय संगठन , एक शैक्षणिक संस्था के रूप में लाखों विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्तापूरक स्कूली शिक्षा प्रदान करने को कृत संकल्पित है और इस कार्य के लिए इस संगठन को पूर्ण रूप से समर्पित और अपने विषय में सक्षम और योग्य शैक्षिक व् गैर शैक्षिक कर्मचारियों की आवशयकता है जो अपनी देखरेख में विद्यार्थियों को उनकी मंजिल तक पहुँचने में उचित सहयोग प्रदान कर सकें | कर्मचारियों के संगठित व्यवसायिक विकास एवं उनको नवीनतम जानकारी देने , उनकी अभिवृति को और अधिक सक्षम बनाने एवं उनकी कार्य निपुणता के लिए उनको ढांचागत प्रशिक्षण देने की आवशयकता होती है ताकि वे अपने कार्यों का प्रभावी ढंग से एवं कुशलता से निर्वहन कर सके |

संकल्पना

प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सच्चे प्रोफेशनल के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम बनाना ही के वि सं का मुख्य उद्देश्य है |

उद्देशीय संकल्पना

केन्द्रीय विद्यालय संगठन का उद्देश्य है की संगठन में कार्यरत शिक्षकों को और स्टाफ को उनके प्रोफेशनल विकास एवं उनके ज्ञान व् क्षमता को निपुणता प्रदान करने के दृष्टिकोण से प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे अपनी देखरेख में विधार्थियों के विकास में उचित सहयोग दे सकें |

प्रशिक्षण लक्ष्य

के वि सं का यह प्रयास रहेगा की शिक्षकों को अधिष्ठापन अभिविन्यास पाठ्यक्रमों तथा अन्यआवश्यक पाठ्यक्रम जिनमे प्रतिभागिता अनिवार्य है के आलावा , पांच वर्ष में कम से कम एक बार तीन सप्ताह का प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए तथा इसी तरह अन्य कर्मचारियों को प्रत्येक तीन वर्ष में 05 दिवस का प्रशिक्षण दिया जाए|

प्रशिक्षण कैलेंडर

के वि सं के सभी जेडआईइ टी निदेशकों से विचार विमर्श करने के उपरांत वार्षिक कार्यान्वन के लिए एक वार्षिक प्रशिक्षण कलेंडर तैयार किया जायेगा |

प्रशिक्षण की महता

शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षक में निम्न विकासशील विन्दुओं पर आअधरित होने चाहिए :-

  1. विधार्थियों एवं समाज की आवश्यकताओं को पूर्ण करने की क्षमता |
  2. प्रशिक्षनार्थी को सीखने एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए वचनबध्धता |
  3. बच्चों के सामर्थ्य के अनुसार विश्वास एवं जीवन के प्रति सकारात्मक सोच |
  4. कक्षा में और विद्यालय में प्रभावी ढंग से निष्पादन के लिए तैयार करना |

जो एक शिक्षक के लिए सत्य है वह अन्य शैक्षिक कार्मिकों के लिए भी सत्य है |जो अधिकारी शैक्षणिक मामलो का कार्य देखते है उन्हें विषयवस्तु में बदलती हुई आवश्यकताओं, शिक्षाशास्त्र व् शिक्षकों को प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण सम्बन्धी मामलो में ध्यान देने के लिए सहयोग की आवश्यकता होती है | इसके लिए अन्य स्टाफ अर्थात गैर शक्षिक स्टाफ के ज्ञान एवं निपुणता को बढाने एवं विभिन्न प्रशानिक निर्णयों को सकारात्मक सोच के साथ निपटान के लिए उन्हें भी प्रशिक्षण एवं नियमित अंतराल पर पुन: प्रशिक्षण की आवश्यकता है |

विभिन्न श्रेणी के स्टाफ के लिए प्रशिक्षण नीति

शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण नीति

  1. प्रत्येक शिक्षक को हर 05 वर्ष की अवधि में तीन सप्ताह के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य होगा |
  2. स्नातक शिक्षक (कार्यानुभव , शारीरिक व् स्वास्थ्य शिक्षा एवं कला शिक्षा ), प्राथमिक शिक्षक (संगीत) , पुस्तकालयाध्यक्षको भी प्रत्येक 05 वर्ष में तीन सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना होगा
  3. गैर शैक्षिक स्टाफ जैसे अनुभाग अधिकारी , सहायक , एस एस ए व् जे एसए को प्रत्येक 03 वर्ष में लघु अवधि के 05 दिवसीय कार्यक्रम भाग लेना होगा |
  4. नवनियुक्त शिक्षकों को उनके कार्यभार ग्रहण के पहले वर्ष में 10 दिन के अधिष्ठान कार्यक्रम में भाग लेना होगा |इस कार्यक्रम को कार्यभार ग्रहण करने से पहले आयोजित करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी |
  5. पदोन्नत शिक्षकों को 6 महीने की अवधि में प्रमुखत: उनके कार्यभार ग्रहण करने के पहले ही 10 दिवस के पुनश्चर्या पाठ्यक्रम में भाग लेना |
  6. जिन टी जी टी /पी जी टी का सी बी एस ई परीक्षाओं में 70% से कम परिणाम रहता है उनके लिए प्रतिवर्ष अगस्त मह में 4-5 दिवस की कार्यशाला आयोजित की जाएगी |
  7. शीतकालीन सत्र में बंद रहने वाले विद्यालयों के शिक्षकों के लिए अगर खास /विशिष्ट विषय में उचित संख्या में शिक्षक उपलब्ध हैं तो अलग से कोर्स आयोजित किये जायेंगे |
  8. विदेशों में स्थित केन्द्रीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए स्टाफ विकास कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे |
  9. केविसं द्वारा तैयार नियम एवं मार्गदर्शन के अनुरूप अंतरार्ष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा आयोजित आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी सभी श्रेणी के शिक्षकों के लिए विचार विमर्श किया जाएगा |
  10. प्रत्येक शिक्षक को कक्षा में कंप्यूटर का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा |
  11. शिक्षकों को स्वाध्ययन या विश्वविद्यालयों द्वारा दूरगामी शिक्षा माध्यम से आयोजित पाठ्यक्रमों द्वारा अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा | संगठन के हित में पाठ्यक्रम प्रमाणित होने पर प्रत्येक पाठ्यक्रम के सफलतापूर्ण समापन पर उचित प्रोत्साहन भी दिया जाएगा |
  12. . जेडआईइ टी पत्राचार सह संपर्क कार्यक्रमों के माध्यम के कुछ बोधगम्य कार्यक्रम तैयार करेगा |

गैर शैक्षणिक स्टाफ समूह के लिए प्रशिक्षण नीति

  1. प्रत्येक गैर शैक्षिक स्टाफ को पद पर कार्यभार ग्रहण करने के 03 महीने के भीतर 10 दिवसीय अधिष्टापन पाठ्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य होगा |
  2. सभी गैर शैक्षिक कार्मिकों के लिए नियमित अन्तराल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे |
  3. गैर शैक्षिक कार्मिकों के ज्यादातर प्रशिक्षण कार्यक्रम इन हाउस होंगे | तथापि इन हाउस कार्यक्रमों में बहरी विशेषज्ञों की सेवाएँ उदारता से ली जाएँगी |
  4. विद्यालय स्टाफ तथा क्षेत्रीय कार्यालय / मुख्यालय स्टाफ के लिए अलग अलग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे |
  5. केविसं गैर शैक्षिक स्टाफ को डी ओंपी टी , नई दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में उदारता से प्रतिनियुक्ति करेगा |
  6. प्रशानिक एवं वितीय मामलों पर गैर शक्षिक स्टाफ की आवश्यकता पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन करेगा |

लघु शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम

लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रभावकारी एवं गुणकारी प्रकार है एवं सीमित क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाना हो तो प्रासंगिक भी है इसलिए सभी कार्मिकों को आवशयकता पर आधारित लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम चाहे इन हाउस हो या किसी अन्य संगठन के सहयोग से आयोजित किया जाए उनमे भाग लेना अनिवार्य होगा |लघुअवधि के कार्यक्रमों की आवश्यकता नीति परिवर्तन जैसे आर टी इ एक्ट, एन सी पी सी आर गाइडलाइन्स , आर टी आई एक्ट या नई संकल्पना जैसे रचनाशीलता , सी सी इ , शिक्षा में तकनिकी उन्नति , दक्षता आधारित अध्यापन , व्यापक शिक्षा आदि के लागू होने के कारन हो रही है |लघु अवधि पथ्य्कर्मों का आयोजन आवश्यकतानुसार किया जाएगा |